रोड शो किया, समर्थकों ने नारे लगाए… भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी ने इस सीट से भरा नामांकन, जानिए किस पार्टी से मिला टिकट

Jyoti Singh: भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए नामांकन कर दिया है। जी हां, मिली जानकारी के अनुसार, ज्योति सिंह रोहतास जिले की काराकाट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। बड़ी बात यह है कि वह किसी पार्टी से नहीं बल्कि निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं।
नामांकन कराने को लेकर ज्योति सिंह ने रोड शो भी किया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में उनके समर्थक दिखे और नारेबाजी किए।
काराकाट लोकसभा से पवन ने लड़ा था चुनाव
आपको बता दें कि काराकट चाहें विधानसभा हो या फिर लोकसभा क्षेत्र, पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के लिए पसंदीदा और खास रहा है। अभी काराकाट विधानसभा सीट से ज्योति सिंह ने नामांकन करा दिया है और वह यहां से निर्दलीय बिहार विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं।
इनसे पहले साल 2024 में इनके पति और भोजपुरी के स्टार सिंगर पवन सिंह ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था। पवन को बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से लोकसभा चुनाव 2024 में टिकट दिया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था।
उसके बाद पवन सिंह ने निर्दलीय ही बिहार के रोहतास जिले में पड़ने वाली काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि, तब उनकी हार हो गई थी। अब एक बार फिर से काराकाट चर्चा में है क्योंकि इस बार विधानसभा चुनाव में पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने ताल ठोक दिया है।
पवन सिंह के साथ ज्योति सिंह का रिश्तों में दरार
यहां बता दें कि पवन सिंह और ज्योति सिंह के रिश्तों में काफी दरार आई हुई है। दोनों का तलाक के लिए मामला कोर्ट में चल रहा है। हाल ही में ज्योति सिंह पवन सिंह के आवास पर गई थीं, लेकिन वहां उन्हें निराशा हाथ लगी थी और उन्होंने रो-रोकर पवन सिंह पर कई आरोप भी लगाए थे। हालांकि, पवन सिंह ने भी इन आरोपों पर अपनी सफाई दी थी और ज्योति पर आरोप लगाया था कि वे चाह रही थी कि पवन सिंह उन्हें विधायकी का चुनाव लड़ाएं।
ज्योति सिंह ने हाल ही में की थी जन सुराज के पीके से मुलाकात
यहां बता दें कि हाल ही में ज्योति सिंह ने जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) के साथ पटना के पास शेखपुरा में मीटिंग हुई है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, भोजपुरी गायक-अभिनेता पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद कहा था, “यहां पर मैं चुनाव लड़ने के लिए या टिकट के लिए नहीं आई हूं। मेरे साथ जो अन्याय हुआ है वह किसी और महिला के साथ ना हो… मैं उन तमाम महिलाओं की आवाज बनना चाहती हूं जिनके साथ यह अन्याय हो रहा है। बस इसलिए मैं प्रशांत किशोर से मिलने आई हूं… यहां पर चुनाव को लेकर या टिकट को लेकर कोई बात नहीं हुई है…”



