लद्दाख की आर्यन घाटी में एक ऐसा रहस्य छुपा है, जिसे सुनकर लोग दंग रह जाते हैं. अब यह सच है या सिर्फ अफवाह, लोककथाओं और मिथकों के बीच यह कहानी जिज्ञासा और कौतूहल पैदा करती है.
जब हम ‘प्रेग्नेंसी टूरिज्म’ (Pregnancy Tourism) के बारे में सोचते हैं, तो आमतौर पर ध्यान उन देशों की ओर जाता है जहां गर्भवती महिलाएं अपने बच्चों के लिए जन्म से नागरिकता (Citizenship by Birth) या बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं हासिल करने जाती हैं. यह एक वैश्विक चलन है, जो कागज़ी लाभों और अवसरों से प्रेरित है. लेकिन भारत के लद्दाख की आर्यन घाटी में यह कहानी पूरी तरह से अलग है.
यहां ‘प्रेग्नेंसी टूरिज्म’ का मतलब पासपोर्ट, आधुनिक अस्पताल या बेहतर सुविधाओं से बिल्कुल नहीं है, बल्कि इसका गहरा संबंध सदियों पुराने मिथकों, स्थानीय लोककथाओं और ‘नस्लीय शुद्धता’ के जुनून से जुड़ा है. यह एक ऐसा अनूठा और विवादास्पद मामला है, जहां पर्यटक भौगोलिक सुंदरता के लिए नहीं, बल्कि एक विशेष जेनेटिक लाइन (Genetic Line) की तलाश में आते हैं, जिससे यह पर्यटन एक सांस्कृतिक और नैतिक रहस्य बन जाता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
हालांकि वैज्ञानिक इस दावे को नकारते हैं और विशेषज्ञ इसे व्यापक प्रथा के बजाय अफवाह, गपशप और पर्यटन आकर्षण का एक माध्यम मानते हैं




